शिक्षक दिवस - Teacher's Day - 5 September | भारत में शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? आइये जानते हैं |
शिक्षक दिवस - Teacher's Day 👇
भारत में शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?👇
भारत एक ऐसा देश है जहाँ गुरु और शिष्य की परंपरा सदियों से जीवित है। यहाँ गुरु को माता-पिता से भी ऊँचा स्थान दिया गया है। प्राचीन काल से ही भारत में शिक्षा का महत्व रहा है और गुरु को समाज का मार्गदर्शक माना गया है। इसी परंपरा और सम्मान को जीवित रखने के लिए प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन न केवल शिक्षकों के योगदान का स्मरण कराता है, बल्कि विद्यार्थियों को यह भी प्रेरणा देता है कि वे अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करें।
भारत में शिक्षक दिवस (5 सितम्बर) इसलिए मनाया जाता है क्योंकि यह दिन भारत के द्वितीय राष्ट्रपति और महान दार्शनिक-शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है।
जब डॉ. राधाकृष्णन राष्ट्रपति बने, तो उनके विद्यार्थियों और मित्रों ने उनसे उनके जन्मदिन को मनाने की अनुमति माँगी।
इस पर उन्होंने कहा –
👉 “यदि आप मेरा जन्मदिन मनाना चाहते हैं तो इसे मेरे व्यक्तिगत उत्सव की बजाय शिक्षकों के सम्मान के रूप में मनाएँ।”
इसी कारण 1962 से हर वर्ष 5 सितम्बर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।
इसका उद्देश्य👇
- शिक्षकों के समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान का सम्मान करना।
- विद्यार्थियों में गुरु के प्रति आदर और कृतज्ञता की भावना जगाना।
- शिक्षा और संस्कार के महत्व को समझाना।
शिक्षक का महत्व👇
- ज्ञान का स्रोत – शिक्षक विद्यार्थियों को केवल पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं।
- चरित्र निर्माण – एक अच्छा शिक्षक बच्चों में अनुशासन, नैतिकता और सद्गुणों का विकास करता है।
- प्रेरणा का स्रोत – शिक्षक ही वह मार्गदर्शक होते हैं जो विद्यार्थियों को उनके लक्ष्य की ओर अग्रसर करते हैं।
- राष्ट्र निर्माण में भूमिका – सैनिक सीमा पर देश की रक्षा करते हैं, परंतु शिक्षक समाज को संस्कार देकर और योग्य नागरिक बनाकर राष्ट्र की नींव को मजबूत करते हैं।
शिक्षक दिवस का आयोजन👇
शिक्षक दिवस के अवसर पर विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
- छात्र अपने शिक्षकों का अभिनंदन करते हैं और उन्हें उपहार तथा शुभकामनाएँ देते हैं।
- कई जगह छात्र स्वयं शिक्षक की भूमिका निभाते हैं और कक्षा में पढ़ाते हैं।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन, कविता पाठ आदि का आयोजन किया जाता है।
- शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिनमें समाज और राष्ट्र के लिए विशेष योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
शिक्षक और विद्यार्थी का संबंध👇
शिक्षक और विद्यार्थी का संबंध केवल शिक्षा तक सीमित नहीं होता। यह एक भावनात्मक और नैतिक बंधन होता है। गुरु ही वह व्यक्ति है जो अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। संस्कृत में कहा गया है —
अर्थात गुरु ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान पूजनीय हैं और वे ही परब्रह्म स्वरूप हैं।
आधुनिक समय में शिक्षक की चुनौतियाँ👇
आज के समय में शिक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। लेकिन उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है —
- तकनीकी बदलाव – डिजिटल शिक्षा, ऑनलाइन कक्षाएँ और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकें पारंपरिक शिक्षा पद्धति को बदल रही हैं।
- प्रतिस्पर्धा का दबाव – विद्यार्थियों पर उच्च अंक और कैरियर की प्रतिस्पर्धा का बोझ है, जिसे संभालने में शिक्षक की जिम्मेदारी बढ़ गई है।
- मूल्य शिक्षा का अभाव – आज के समय में शिक्षा केवल नौकरी पाने का साधन बनती जा रही है, जबकि मूल्यों और संस्कारों का विकास कम होता जा रहा है।
- सामाजिक चुनौतियाँ – सामाजिक असमानता, बेरोजगारी और नैतिक पतन के इस दौर में शिक्षक को विद्यार्थियों को सही दिशा दिखाना कठिन हो गया है।
शिक्षक दिवस का महत्व👇
शिक्षक दिवस केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह शिक्षकों के योगदान की स्वीकृति और सम्मान का प्रतीक है। इसका महत्व निम्नलिखित बिंदुओं से स्पष्ट होता है —
- यह हमें गुरु-शिष्य परंपरा की याद दिलाता है।
- यह दिन विद्यार्थियों में शिक्षकों के प्रति आदर और सम्मान की भावना जगाता है।
- यह शिक्षकों को भी अपने दायित्वों के प्रति जागरूक करता है।
- समाज को यह संदेश मिलता है कि शिक्षा और शिक्षक ही राष्ट्र की वास्तविक धरोहर हैं।
निष्कर्ष👇
शिक्षक दिवस एक ऐसा अवसर है जब हम यह स्वीकार करते हैं कि हमारे जीवन में शिक्षक का स्थान अत्यंत ऊँचा है। वे केवल शिक्षा देने वाले ही नहीं, बल्कि हमारे मार्गदर्शक, प्रेरणास्रोत और चरित्र निर्माता भी होते हैं। डॉ. राधाकृष्णन ने यह सही कहा था कि “शिक्षक ही समाज की रीढ़ होते हैं।” अतः हमें अपने शिक्षकों का सदैव सम्मान करना चाहिए और उनके आदर्शों पर चलकर जीवन में सफलता प्राप्त करनी चाहिए।
इस प्रकार शिक्षक दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने और शिक्षा के महत्व को समझने का पवित्र अवसर है।